शुक्रवार, अक्तूबर 29

कविता: जल है जीवन

जल है जीवन
जल है मेरा जीवन ।
क्या इसके बिना जीवन॥
सदा साफ जल को ही पिए।
खूब जीवन लम्बी जिए॥
सबकी प्यास बुझाता जल।
तन की थकान मिटाता जल॥
जल को न बर्बाद करे हम।
जल को बचाए मिलकर हम॥
जाने कितने को देता है जीवन।
इसके बिना बेकार है जीवन॥
जल है मेरा जीवन।
इसके बिना क्या जीवन ॥
लेखक : मुहम्मद चंदन तिवारी

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