शनिवार, अक्तूबर 26

'मध्याह्न भोजन योजना'

'मध्याह्न भोजन योजना' उत्तरप्रदेश के 1,16,107 प्राथमिक विद्यालयों एवं 53,499 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में चल रही है, 9 साल से ऊपर हो गया। प्राथमिक स्तर के प्रति बच्चे को 450 कैलोरी 12 ग्राम प्रोटीन तथा उच्च प्राथमिक स्तर के प्रति बच्चे को 700 कैलोरी उर्जा और 20 ग्राम प्रोटीन प्रतिदिन उपलब्ध हो इसके लिए एक मानक मेनू की व्यवस्था की गयी है, तमाम उपाय के बाद भी सब कुछ ठीक ढंग से नहीं चल पा रहा है …जन भागीदारी आवश्यक है. आप क्या कहते है ?


- वल्लभाचार्य पाण्डेय 

बुधवार, अक्तूबर 23

करवा चौथ का व्रत

करवा चौथ का व्रत, पिछले साल मै गाँव में था। मेरे गाँव में भी कुछ औरतों ने व्रत रखा। मुझे देखकर बड़ा अजीब लगा की गाँव में ऐसा क्या हो गया की गाँव की इतनी महिलाएं ये व्रत रखने लगी, पहले तो इस व्रत का नामो निशान नहीं था मेरे गाँव के आस-पास। मैंने लोगों से पता करने की कोशिश की तो लगभग निकल कर आया की टेलीविज़न में देखकर महिलाएं ये व्रत रख रही है।

कोई बात नहीं मैंने सोचा चलो पता किया जाये की आखिर उस व्रत की शुरुवात कैसे हुए। मुझे जो पता चला आपसे बता रहा हूँ।

दीपावली पर लक्ष्मी जी को धरती पर आना होता है, लक्ष्मी जी अपनी सवारी उल्लू पर बैठ कर आती थी और दीपावली के दूसरे दिन वापस जाती थी। एक बार उल्लू ने दीपावली के दिन धरती पर जाने से मना कर दिया। जब लक्ष्मी जी के कारण पूछा तो उल्लू ने कहा की आप तो धरती पर जाकर मौज करती हैं, लोग आपकी पूजा करते है और आपको तरह तरह के पकवान खिलाते है आप तो खुश रहती हो, लेकिन लोग मुझे देखते ही गाली देते है, मारते है, जो कुछ सीधे होते है वह भी अपना मुहं दूसरी तरफ घुमा लेते है। मुझे बहुत ख़राब लगता है और मेरी बहुत बेज्जती होती है। किसी तरह में छुप-छुपाकर धरती पर रहता हूँ, इसलिए मै धरती पर नहीं जाऊंगा। लक्ष्मी जी ने उल्लू को बहुत मनाया पर उल्लू नहीं माना। आखिर मै लक्ष्मी जी ने हार मानकर उल्लू को एक वरदान दिया और कहा की इस साल से दीपावली के 11 दिन पहले तुम्हारी पूजा की जाएगी और उस दिन तुमको भगवान के बराबर का दर्ज दिया जायेगा। उल्लू खुश हो गया लक्ष्मी जी को धरती पर ले आया। उस साल से आज तक लगातर यह पूजा चल रही है और आज भी उल्लू ख़ुशी ख़ुशी लक्ष्मी जी को ढोने का काम कर रहा है।

शनिवार, अक्तूबर 12

रामलीला

आज भी रामलीला का मंचन करने वालों को एक बात का सकून होगा कि देश के नेता को वोट मिले न मिले, जनता को राशन मिले न मिले, नहर को पानी मिले न मिले, किसान को खाद बीज मिले न मिले, मजदूर को मजदूरी मिले न मिले, बच्चों को किताबें मिले न मिले पर रामलीला का मंचन करने वालों को दर्शक हर साल भरपूर मिल ही जाते है।


शुक्रवार, अक्तूबर 11

अल्लाह वालों राम वालों

धर्म के ठेकेदारों ने अपने निजी स्वार्थ में मजहब की दीवारें खड़ी की हैं..... सियासत करने वाले भी इन दीवारों का इस्तेमाल अपने हित में करते हैं ... नतीजा ...  नफरत, कत्लेआम और खून खराबा ... अब जरुरत है ऐसे नापाक इरादे वालों को पहचानने की और उन्हें नकारने की ... गुरुदास मान के गीत, कुछ पेपर क्लिपिंग्स, पोस्टर और चित्रों की मदद से हमारी कोशिश है कि देश में हर तरफ अमन चैन हो और हमारी गंगा जमुनी तहजीब बची रहे.... आमीन ....

मंगलवार, अक्तूबर 8

प्राथमिक विद्यालय मोलनापुर में बच्चों के साथ

प्राथमिक विद्यालय मोलनापुर, वाराणसी जिले के चोलापुर ब्लाक में है। बच्चों से बातचीत करके उनसे कुछ चित्र बनाने का आग्रह किया।   










बच्चों के बनाये चित्र कभी और लगाऊंगा।