सोमवार, अक्तूबर 18

कविता : मजदूर

मजदूर
मजदूर बेचारे करते काम
दिन और रात सुबह और शाम
करते - करते ही वह थक जाते
अपना साहस कभी नही छोड़ते
सदा आगे बढ़ते रहते
कभी नही वे पीछे हटते
दिन और रात करते काम
लेते रहते हरि का नाम
मजदूर बेचारे करते काम
दिन और रात सुबह और शाम
लेखक : ज्ञान

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