शुक्रवार, अक्तूबर 29

कहानी : चीटीं की मेहनत

चीटीं की मेहनत
एक बार बहुत तेज बारिस हो रही थी। जंगल के सभी जीव-जन्तु पक्षी भीग रहे थे। बहुत ज्यादा बारिश होने के कारण वह ठण्ड से कांप रहे थे। जंगल में चारो तरफ पानी ही पानी भरा था। हाथी सोचने लगे कि कितनी जल्दी धूप निकले तो अच्छा हो फिर थोड़ी देर बाद सूरज निकला और धूप चारो ओर तरफ फ़ैल गई । सभी हाथी छाया छोड़ कर धूप में आने लगे, बदन सूखने के बाद धीरे-धीरे सभी हाथी धूप से हटने लगे और इधर-उधर टहलने लगे। कुछ देर के बाद फिर जोर से बारिस होने लगी। इतनी तेज बारिस हुई कि सभी हाथी बहने लगे। एक चींटी पेड़ पर बैठी हाथी का बहना देख रही थी। हाथी ने चींटी से कहा मुझे बचा लो। चींटी ने कहा कि चिंता मत करो मै तुम्हें बचाने आ रही हूँ । यह कहकर चींटी पेड़ से कूद गयी और पानी में बहने लगी बहते-बहते वो हाथी के पास पहुंच गयी। थोड़ी देर बाद बारिस के रूकते ही पानी घट गया और हाथियों का बहना बन्द हो गया। सभी हाथी डूबने से बच गये, थोड़ी देर बाद चींटी ने हाथियों से कहा देखा मैंने तुम लोगों को कितनी मेहनत से बचाया है। यह सब सुनकर सभी हाथी जोर-जोर से हंसने लगे।
आदित्य कुमार
अपना घर, कानपुर 

1 टिप्पणी: