बचपन के रंग में हम अपनी बातों, अपनी कोशिश और अपने विचारों को रख कर आप तक पहुँचाना चाहते है.
बुधवार, दिसंबर 17
सोमवार, दिसंबर 15
रविवार, दिसंबर 14
गुरुवार, दिसंबर 11
यह कितना सही या कितना गलत कदम था, तय नहीं कर पा रहा हूँ....
मंगलवार, दिसंबर 9
रविवार, अगस्त 24
अब छुट्टी नहीं चाहिए
साहब मेरा लड़का बहुत बीमार है. एक दिन की छुट्टी दे दो कल शनिवार है. रविवार की शाम को मै वापस आ जाऊंगा. ड्राइवर चेतराम ए.डी.एम. के सामने गिडगिडा रहा था. साहब ने कहा "माना कल शनिवार है, पर अचानक कोई काम आ गया तो मै क्या करूँगा? छुट्टी किसी भी हालत में नहीं मिल सकती. और हाँ आज यहाँ बंगले में ही रात में सोना. रात में कहीं भी आपातकालीन दौरे पर जाना पड़ सकता है. "
चेतराम ने कोई प्रतिवाद नहीं किया. शनिवार, रविवार बीता. सोमवार को बड़ी उदासी से ड्यूटी पर हाज़िर हुआ.
तब तक चपरासी ने साहब को बता दिया था, की चेतराम का लड़का आज नहीं रहा. चेतराम को देखते ही साहब ने कहा "चेतराम तुम घर जा सकते हो. तुम्हारी छुट्टी मंजूर की जाती है."
चेतराम ने आहात स्वर में कहा "साहब मेरे बीमार बेटे को जिन लोगों ने अस्पताल पहुँचाया था, वे उसकी लाश को श्मशान तक भी पहुंचा देंगे. अब मुझे छुट्टी नहीं चाहिए."
----- डॉ. राम प्रकाश
......ये लघु कथा मैंने हंस पत्रिका से ली है.
मंगलवार, अगस्त 5
मंगलवार, जुलाई 29
सोमवार, जुलाई 28
हिंदी में झूला, तेलगु में उइयाला, अंग्रेजी में Hammock (झूलन खटिया).....
हिंदी
में झूला, तेलगु में उइयाला, अंग्रेजी में Hammock (झूलन खटिया)......
सावन में आंध्र प्रदेश से हर साल बनारस आते हैं रामबाबू और उनके साथी इसे
बेचने के लिए.... कई दिन से इनसे बात करने की जिज्ञासा थी.. आज मिला पुलिस
लाइन रोड पर ... ये लोग इस झूले को खुद बुनते हैं और सीजन के हिसाब से
बेचने के लिए पूरे देश भर घूमते हैं आजकल बनारस में हैं.... बता रहे थे दिन
भर में 20-25 आराम से बिक जाता है....
- वल्लभ भइया की दीवार से।
शुक्रवार, अप्रैल 25
सर्व शिक्षा अभियान के पैसे का उपयोग न होना
सर्व
शिक्षा अभियान के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों को अगस्त 2013 तक
दिया गया कुल रूपया 162955.26 लाख था जिसमें से सिर्फ 39583.53 लाख रुपये
ही विभाग खर्च कर पाया, यानि की कुल पैसे का सिर्फ 24.29 प्रतिशत पैसा ही उपयोग
हो पाया.
सरकार और शिक्षा विभाग पैसा न होने का रोना रोता है, जबकि आंकड़े बता रहे है की पैसा बहुत है पर खर्च नहीं हो पा रहा है या दुसरे शब्दों में कहा जाये की खर्च नहीं किया जा रहा है.
सरकार और शिक्षा विभाग पैसा न होने का रोना रोता है, जबकि आंकड़े बता रहे है की पैसा बहुत है पर खर्च नहीं हो पा रहा है या दुसरे शब्दों में कहा जाये की खर्च नहीं किया जा रहा है.
शुक्रवार, अप्रैल 18
मंगलवार, अप्रैल 15
एक सवाल मोदी और अरविन्द को हराने और जीताने वाले दोनों समूहों के लोगों से ......
बहुत
शोर है भैया ये मोदी और अरविन्द के नाम का.....एक सवाल मोदी और अरविन्द को
हराने और जीताने वाले दोनों समूहों के लोगों से ......
मोदी या अरविन्द के जीतने से क्या फायदा होगा और हराने से क्या नुकशान होगा ?
क्या मोदी या अरविन्द के जीतने या हराने से किसानों की दशा, दिहाड़ी कामगारों की दशा, बच्चों की शिक्षा, बेहतर होगी ? ..... गरीबी, बेरोजगारी, बलात्कार, लूटपाट ये सब में कुछ कमी होगी ?
सिर्फ जोश में जवाब मत दीजियेगा थोडा सोच कर और होश में जवाब दीजियेगा.....
लड़ाई लम्बी है साथी शॉर्टकट का कोई विकल्प नहीं है .....
मोदी या अरविन्द के जीतने से क्या फायदा होगा और हराने से क्या नुकशान होगा ?
क्या मोदी या अरविन्द के जीतने या हराने से किसानों की दशा, दिहाड़ी कामगारों की दशा, बच्चों की शिक्षा, बेहतर होगी ? ..... गरीबी, बेरोजगारी, बलात्कार, लूटपाट ये सब में कुछ कमी होगी ?
सिर्फ जोश में जवाब मत दीजियेगा थोडा सोच कर और होश में जवाब दीजियेगा.....
लड़ाई लम्बी है साथी शॉर्टकट का कोई विकल्प नहीं है .....
गुरुवार, अप्रैल 10
बुधवार, अप्रैल 9
शनिवार, जनवरी 25
पूरे साल मेरे गणतंत्र में...
पूरे साल मेरे गणतंत्र में...
मजदूरों को उनका पैसा नहीं मिला...
मजदूरों का लूटा और मारा गया ...
किसान के लिए कुछ नहीं था....
किसान और उसके खेत तंत्र से उम्मीद लगाकर मरे....
लड़कियों की इज्ज़त लूटी गई.....
आदिवासियों को उजाडा और लड़ाया गया....
उनकी औरतों और बच्चों के साथ बलात्कार हुए....
गरीबों के घर उजाड़ दिए गए....
महंगाई आसमान पर जा पहुंची....
आमीरों को सुविधाएं बढ़ा दी गई....
बहुत कुछ हुआ मेरे इस गणतंत्र में...
समझ नहीं पा रहा हूँ की कैसे इसकी जय करूँ....
और अगर जय नहीं कर पा रहा हूँ तो कैसे इस तंत्र को
मिट्टी में इतना नीचे दबा दू की यह कभी घुटनों के बल भी न आ पाए .....
मजदूरों को उनका पैसा नहीं मिला...
मजदूरों का लूटा और मारा गया ...
किसान के लिए कुछ नहीं था....
किसान और उसके खेत तंत्र से उम्मीद लगाकर मरे....
लड़कियों की इज्ज़त लूटी गई.....
आदिवासियों को उजाडा और लड़ाया गया....
उनकी औरतों और बच्चों के साथ बलात्कार हुए....
गरीबों के घर उजाड़ दिए गए....
महंगाई आसमान पर जा पहुंची....
आमीरों को सुविधाएं बढ़ा दी गई....
बहुत कुछ हुआ मेरे इस गणतंत्र में...
समझ नहीं पा रहा हूँ की कैसे इसकी जय करूँ....
और अगर जय नहीं कर पा रहा हूँ तो कैसे इस तंत्र को
मिट्टी में इतना नीचे दबा दू की यह कभी घुटनों के बल भी न आ पाए .....
मंगलवार, जनवरी 21
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