शनिवार, जनवरी 8

कविता : मेरी बत्तख

मेरी बत्तख
पंख सुनहरे चोच है पीली,
करती है ये मनमानी...
मेरी बत्तख निराली कितनी.
केवल पीती पानी है...
लेखक : मैना खातून 
अपना स्कूल

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