शनिवार, नवंबर 6

कविता : रविवार का दिन

रविवार का दिन 

रविवार का दिन है कितना अच्छा,
बंद रहती है स्कूल की सभी कक्षा....
इस दिन रहती सभी की छुट्टी ,
बच्चा बच्चा सारा दिन करता मस्ती...
फिल्म देखना फुटबाल खेलना,
नाटक सीखना और दिखाना ...
इधर उधर खूब घूमने जाना ,
यही है दिन भर का दिनचर्या ...
रविवार का दिन है कितना अच्छा,
बंद रहती है स्कूल की सभी कक्षा...

लेखक: धर्मेन्द्र कुमार

1 टिप्पणी:

  1. 'असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय ' यानी कि असत्य की ओर नहीं सत्‍य की ओर, अंधकार नहीं प्रकाश की ओर, मृत्यु नहीं अमृतत्व की ओर बढ़ो ।

    दीप-पर्व की आपको ढेर सारी बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं ! आपका - अशोक बजाज रायपुर

    ग्राम-चौपाल में आपका स्वागत है
    http://www.ashokbajaj.com/2010/11/blog-post_06.html

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