tag:blogger.com,1999:blog-3445472665333687061.post4908636342728868210..comments2023-11-03T01:04:21.837-07:00Comments on बचपन के रंग: कविता : रविवार का दिनUnknownnoreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-3445472665333687061.post-55097565792118801572010-11-06T10:00:13.056-07:002010-11-06T10:00:13.056-07:00'असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्...'असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय ' यानी कि असत्य की ओर नहीं सत्य की ओर, अंधकार नहीं प्रकाश की ओर, मृत्यु नहीं अमृतत्व की ओर बढ़ो ।<br /><br />दीप-पर्व की आपको ढेर सारी बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं ! आपका - अशोक बजाज रायपुर<br /><br />ग्राम-चौपाल में आपका स्वागत है<br />http://www.ashokbajaj.com/2010/11/blog-post_06.htmlASHOK BAJAJhttps://www.blogger.com/profile/07094278820522966788noreply@blogger.com