रविवार, नवंबर 7

कविता: मेहनत का दर्द

मेहनत का दर्द

कच्ची कच्ची मिटटी खोदी ।
खोदकर पानी में फुला दी ॥
गोल करके फिर सांचे में डाली ।
ईट हुई गड़बड़ मालिक ने दी गाली॥
गाली सुनकर गुस्सा आया ।
गुस्से को मन में भड़काया ॥
तब पता चला मालिक होते है कंजूस।
गाली देकर मन को पहुचाते है ठेस ॥

आदित्य कुमार

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