बचपन के रंग में हम अपनी बातों, अपनी कोशिश और अपने विचारों को रख कर आप तक पहुँचाना चाहते है.
गुरुवार, सितंबर 12
भगवान और अल्लाह
लोग भगवान और अल्लाह के नाम पर एक दूसरों को मार काट रहे है और एक मेरा दिमाग है कि भगवान और अल्लाह को मानने के लिए तैयार नहीं है और मेरा दिल कहता है की मै उसको मानने के काबिल नहीं हूँ.…
अगर भगवान और अल्लाह को मानने पर लोगों को मारना काटना पड़ता है तो मै शुक्रिया कहना चाहता हूँ अपने दिल और दिमाग को …
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