बचपन के रंग
बचपन के रंग में हम अपनी बातों, अपनी कोशिश और अपने विचारों को रख कर आप तक पहुँचाना चाहते है.
रविवार, सितंबर 2
मेरी कविता - कुत्ता
मैंने झबरा कुत्ता पाला,
घर का सच्चा रखवाला।
भला बुरा यह सब कुछ जाने,
चोरों को फ़ौरन पहचाने।
--- कजुमिदीन अपना स्कूल, पनकी पड़ाव
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