वो बस्ता.... वो पटरी...
दुधिया... और स्याही...
वो मुंशी जी की चपत...
औ पंडी जी की डांट...
वो मास्साब का टोकना...
कि... कैसे नहाते हो?
यहां मैल बैठा है...
वहां मैल बैठा है...
वो पन्द्रहअगस्त और छबिच्जन्वरी...
वो लड्डू का लालच... और प्रभात फेरी...
शनिवार की बालसभा...
इतवार की छुट्टी...
पल भर में मिल्ली औ...
पल भर में कुट्टी...
दू के दू और दू दुनी चार....
पूरा सुनाने पे गुरूजी का प्यार...
बहुत याद आता है...
अपना पहला स्कूल....
कैथी गाँव का......
'प्राइमरी स्कूल' .................वल्लभ (जुलाई १९८९)
बचपन का स्कूल पूछो मत कितना कुछ याद आता है ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर