भूख, बेरोजगारी और गरीबी...
झेल रही है जनता,
पर फिर भी चुपचाप जिन्दगी का खेल...
खेल रही है जनता,
खुश है लूटने वाले, और लूट-लूट कर...
पर अफसोश सो रही है जनता,
दोस्त एक दिन सब बदल जायेगा...
सो रही जनता जागेगी, और अपना हक मांगेगी,
तब एक ही नारा हर और सुनाई देगा...
"कमाने वाला खायेगा, लूटने वाला जायेगा"
........... दीन दयाल
Bahut Sahi Koshish ..
जवाब देंहटाएं!! bahut achchha hai...
जवाब देंहटाएं