आशा संस्था द्वारा बनारस के कैथी गाँव मे बच्चों का समर कैंप आयोजित किया गया, दिनांक (15 जून से २० जून) तक . बच्चों ने कैंप में विभिन्न गतिविधियाँ की. यहाँ कानपुर, लखनऊ, बनारस, नौगड़ आदि जगहों के बच्चो ने भाग लिया.
पहला दिन --- गीत, संगीत, पेंटिंग और रात में खूब डांस हुआ.
दूसरा दिन --- सजावट की बहुत सारी वस्तुओ की जानकारी दी गयी. जिसमे बच्चो की खासी रूचि थी. इसी दिन न्यूज़ पेपर के बारें मे भी विस्तार से बताया गया. न्यूज़ पेपर के बारें जानने के लिए बच्चे खूब उत्त्साहित रहे.
२-- अखबार कैसे और किस लिए निकाला जाना चाहिए.
इसके अलावा समर कैंप में बच्चो ने रोजाना अपना पेपर निकाला. इसके लिए करीब 5 अखबार निकलने की टीम बन गयी, अखबार के नाम थे - समर कैंप धमाका, समर कैंप की खबरें, कैथी की पहल, कूल कैंप धमाका, समर कैंप की जानकारी.
न्यूज़ पेपर के बारें में इन बिन्दुओ पर चर्चा हुई.
१-- अखबार के बारे में जाना की अखबार की क्या जरुरत है,२-- अखबार कैसे और किस लिए निकाला जाना चाहिए.
इसके अलावा समर कैंप में बच्चो ने रोजाना अपना पेपर निकाला. इसके लिए करीब 5 अखबार निकलने की टीम बन गयी, अखबार के नाम थे - समर कैंप धमाका, समर कैंप की खबरें, कैथी की पहल, कूल कैंप धमाका, समर कैंप की जानकारी.
तीसरा दिन --- इस दिन बच्चों के नाटक की कार्यशाला का आयोजन किया गए. बच्चों को नाटक के बारे में विभिन्न बातें पता चली और बच्चों ने कई ग्रुप में बाँट कर छोटे छोटे नाटक भी तैयार किये.
चौथा दिन --- बच्चों ने कागज से विभिन्न प्रकार की टोपी, और भी कई चीजे बनाना सीखी जैसे कागज से कमीज़ बनाना, तोप बनाना, उड़ने वाली चिड़िया बनाना आदि चीज़े बनाना सीखी. शाम को सभी बच्चे
पाचवां दिन-- बच्चों ने कठपुतली बनाना और उसको चलना सीखा. बच्चों के कई ग्रुप में बाँट
इस कैंप के बारें में बच्चो की राय अति आवश्यक है
कानपुर के चन्दन के कहना है.....
कठपुतली बनाने और चलने में खूब मज़ा आया. साथ ही गंगा नदी में नाव से घूमने का अपना ही मज़ा था.
बनारस के दूर दराज इलाके से आने वाले मुसहर समुदाय के बच्चो का उत्त्साह तो देखते ही बनता था.
गोविंदा ने बहुत सरमाते हुए कहा---- नईया डगमग डगमग दोल्लती है......
इन बच्चो मे इनके समुदाय के रीति रिवाज व सादर सत्कार की अनोखी परम्परा देखने को मिली. पूरे कैंप मे जह़ा आने वाले तमाम बच्चे मौज मस्ती कर रहे थे वही शर्मीले सुभाव के ये बच्चे खाना खिलाने में मशगूल रहते थे.
सार्थक प्रयास!!
जवाब देंहटाएंyour blog is very good . [trebiyan]
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