बुधवार, अप्रैल 18

कविता - सब कुछ बदल गया....

ये दुनिया बदल गयी,
ये जहाँ बदल गया ।
आज के इस संसार में,
ये इन्सान ही बदल गया ।

आज नेताओं और लोगों के चरित्र,
बदल गए ।
भ्रष्टाचारी इस देश में,
गरीबी के मायने बदल गए ।

नेता वोटों के खातिर,
जाने क्या क्या वादे कर गए ।
वादों को भी न पूरा किया,
पर अपनी झोली ये भर ले गए ।   

कवि : धर्मेन्द्र कुमार

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